मध्य प्रदेश

MP के फरार पुलिसकर्मियों पर CBI की नजर, संजीत सिंह और उत्तम सिंह पर दो-दो लाख का इनाम

गुना 

सीबीआई ने मध्य प्रदेश के गुना जिले के म्याना थाना क्षेत्र में देव पारधी की हिरासत में मौत के मामले में दो फरार पुलिसकर्मियों संजीत सिंह मावई और उत्तम सिंह कुशवाहा की घेरेबंदी तेज कर दी है। सीबीआई ने इन दोनों की जानकारी देने वालों को दो-दो लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। सीबीआई का यह कदम इस केस में सुप्रीम कोर्ट की कठोर टिप्पणियों के बाद सामने आया है।

अधिकारियों ने बताया कि मावई घटना के समय नगर निरीक्षक और कुशवाहा सहायक उप निरीक्षक के पद पर थे। दोनों को देव पारधी की हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले में आरोपी बनाया गया है। बता दें कि देव पारधी को चोरी के आरोप में हिरासत में लिया गया था।

सीबीआई पहले ही इस मामले में उप निरीक्षक देवराज सिंह परिहार, नगर निरीक्षक जुबैर खान और एक निजी व्यक्ति को गिरफ्तार कर चुकी है। इन आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया जा चुका है। मावई और कुशवाहा अब भी फरार हैं।

सीबीआई की प्रवक्ता ने कहा कि इन दोनों आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए जा चुके हैं। इन दोनों को भगोड़ा अपराधी घोषित किया जा चुका है। देव पारधी को चोरी के आरोप में उसके चाचा गंगाराम के साथ हिरासत में लिया गया था।

देव पारधी की मां का आरोप है कि उसके बेटे को आरोपियों ने टॉर्चर कर के मार डाला। वहीं पुलिस का दावा है कि आरोपी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में फरार पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं करने पर CBI को कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने एजेंसी से पूछा कि अप्रैल से फरार चल रहे संजीव सिंह मावई और उत्तम सिंह कुशवाहा को गिरफ्तार करने में क्या दिक्कत आ रही है। अदालत ने CBI को चेतावनी दी थी कि यदि आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं की गई तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।

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