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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, अनिल अंबानी के करीबी अशोक पाल गिरफ्तार

मुंबई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस पावर के अधिकारी अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक पाल से फर्जी बैंक गारंटी और फर्जी बिलिंग से जुड़े मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी के दिल्ली कार्यालय में पूछताछ की गई और इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि अशोक कुमार पाल को अनिल अंबानी को करीबी के तौर पर जाना जाता है। पाल रिलायंस पावर लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हैं।

पाल पर क्या लगे हैं आरोप?

ईडी ने पाल पर कई आरोप लगाए हैं। एजेंसी का कहना है कि पाल ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को ₹68 करोड़ से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी जमा की। ईडी के अनुसार, इस घोटाले में फर्जी चालानों के माध्यम से फंड डायवर्जन किया गया। यही नहीं, एसबीआई, इंडियन बैंक, पीएनबी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जैसे प्रमुख बैंकों की नकल की गई और फर्जी ईमेल डोमेन का इस्तेमाल करके जाली दस्तावेजों को असली दिखाया गया।

आरोप के मुताबिक पाल ने अनिल अंबानी के एक सहयोगी के माध्यम से इस फर्जी गारंटी को निष्पादित करने में भूमिका निभाई और बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (BTPL) को कॉन्ट्रैक्ट के लिए चुना गया। हालांकि, इस कंपनी का विश्वसनीय ट्रैक रिकॉर्ड नहीं था। यह पूरा रैकेट बैंकिंग प्रणाली के दुरुपयोग का एक संगठित प्रयास था, जिसमें सरकारी परियोजना के धन को निजी लाभ के लिए मोड़ने की कोशिश की गई। ईडी के मुताबिक BTPL के निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं।

₹17,000 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी का मामला

बता दें कि ईडी ₹17,000 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामलों में अनिल अंबानी समूह की कंपनियों की जांच कर रहा है। यह मामला यस बैंक और एडीए समूह की कई कंपनियों से जुड़ा है। अगस्त में ईडी ने अंबानी को पूछताछ के लिए तलब किया था और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुंबई में 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 50 कंपनियां और 25 व्यक्तियों के नाम सामने आए।

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