मध्य प्रदेश

मंत्री कार्य समीक्षा के बाद MP में मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत, CM डॉ. मोहन यादव कर रहे हैं प्रदर्शन आकलन

भोपाल

मध्य प्रदेश में सत्ता और संगठन में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. निगम, मंडल और प्राधिकरणों में नियुक्तियों को लेकर जोर-शोर से चर्चा चल रही है. इसके साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार की खबरें भी सुर्खियों में हैं. पिछले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली तक बड़े नेताओं की मुलाकातों का सिलसिला लगातार जारी है. पिछले दो दिनों में ही 10 से अधिक बड़े नेताओं ने एक-दूसरे से मुलाकात की है, जिसने इन बदलावों की अटकलों को और हवा दी है.

नेताओं की मुलाकातों का सिलसिला
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की. वहीं, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा की. इसके अलावा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और हेमंत खंडेलवाल ने भी दिल्ली में कई बड़े नेताओं से मुलाकात की. इन मुलाकातों में संगठन और सरकार के बीच तालमेल, नियुक्तियों और मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल जैसे मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना जताई जा रही है.

 मध्य प्रदेश के कमिश्नर और कलेक्टरों की भोपाल में दो दिन चली कांफ्रेंस के बाद अब मुख्यमंत्री डा मोहन यादव अपनी सरकार के मंत्री व विधायकों के कामकाज की समीक्षा करेंगे। वह मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बैठक करके विभागवार उनके कामकाज की समीक्षा करेंगे।

विभागवार मंत्रियों के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा और इसके आधार पर मंत्रियों के कामकाज की ग्रेडिंग तय होगी। जल्द ही मंत्रियों के साथ बैठक का दौर शुरू करने की तैयारी है। यही वजह रही कमिश्नर कलेक्टरों की कांफ्रेंस में किसी भी मंत्री से शामिल नहीं किया गया।

विधायकों को चार साल का रोडमैन बनाने के लिए कहा

कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों की स्थिति का आकलन किया है। इस आधार पर अब वह मंत्रियों से जानेंगे कि उन्होंने 20 माह में अपने प्रभार के जिलों में क्या-क्या कार्य किए। इसी तरह मुख्यमंत्री डॉ. यादव पार्टी के विधायकों के कामकाज को भी देखेंगे। उल्लेखनीय है कि विधायकों को चार साल का रोडमैप बनाने के लिए कहा गया था।

उन्होंने अपने विधायक निधि का जनकल्याण में कितना उपयोग किया, इसकी रिपोर्ट भी तैयार कराई गई है। यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। इधर, मुख्यमंत्री ने पहले ही मंत्रियों के परफारमेंस की एक रिपोर्ट तैयार कराई है, जो केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई थी। सिंहस्थ -2028 से कार्यों से जुड़े से 12 विभागों की मुख्यमंत्री अलग से बैठक लेंगे।
मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत

मुख्यमंत्री जिस तरह से मंत्रियों के कामकाज पर नजर बनाए हुए हैं उससे मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत मिल रहे हैं। पूर्व में मुख्यमंत्री द्वारा अपने मंत्रियों के कामकाज की रिपोर्ट तैयार कराने के बाद इसकी प्रबल संभावना देखी जा रही है। मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब कुछ पूर्व मंत्रियों को फिर मौका दिया जा सकता है। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित 31 मंत्री हैं। नियम के अनुसार 35 मंत्री हो सकते हैं।

इन बिंदुओं पर होगी चर्चा

  •     कितने मंत्रियों ने गांव में रात्रि विश्राम किया और गांव में चौपाल लगाई।
  •     प्रभार के जिलों में प्रतिमाह दौरा कर रहे हैं या नहीं।
  •     मंत्रियों की अपने प्रभार के जिलों में अधिकारियों के साथ कैसा तालमेल हैं।
  •     पार्टी संगठन के कामकाज में सहभागिता कैसी है।
  •     केंद्र से मिले अभियानों को सफल बनाने में कितने मंत्रियों का प्रदर्शन अच्छा रहा।
  •     कितने मंत्रियों से आमजन व पार्टी कार्यकर्ता संतुष्ट है या नहीं।

 

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