अलीगढ़ में शादी के बाद 12 दुल्हनों का अचानक गायब होना, परिवारों में मचा हड़कंप

अलीगढ़
करवाचौथ की रात जहां देशभर की सुहागिनें अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए व्रत रख रही थीं, वहीं अलीगढ़ में इसी रात एक ऐसी वारदात घटी जिसने भरोसे और रिश्तों की जड़ों को हिला दिया. यहां 12 घरों में एक साथ मातम पसर गया, क्योंकि इन परिवारों की नई-नई आई दुल्हनें करवाचौथ का व्रत रखकर, छलनी में चांद दिखाकर, पति की आरती उतारकर और घरवालों को नशीला खाना खिला कर लाखों की नकदी और जेवर लेकर फरार हो गईं.
यह मामला सासनी गेट थाना क्षेत्र का है, जहां अब तक चार एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और पुलिस ने इसे एक संगठित गिरोह की करतूत बताया है. बताया जा रहा है कि ये सभी 'दुल्हनें' बिहार और झारखंड से लाई गई थीं, जिन्हें दलालों ने लड़कियों की कमी झेल रहे घरों में ब्याह करवा दिया था. शादी के लिए इन दलालों को 80 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक की रकम दी गई थी.
करवाचौथ की रात भरोसे का कत्ल
मामले की जांच में सामने आया कि सभी बारहों दुल्हनों ने शादी के बाद बड़े प्यार और सलीके से ससुराल वालों का दिल जीत लिया था. किसी ने सास के साथ मंदिर जाने की आदत डाल ली थी, तो कोई पति के साथ खेतों तक जा पहुंची थी. सबने करवाचौथ का व्रत भी रखा, घर में सजावट की, मेहंदी लगाई और रात को जब व्रत खोलने का वक्त आया, तब उन्होंने ऐसी चाल चली कि किसी को शक तक न हुआ. परिवार वालों के मुताबिक, रात के खाने में सभी दुल्हनों ने खुद हाथ लगाकर व्यंजन बनाए. उसी खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया. जैसे ही परिवार वाले बेहोश हुए, वैसे ही सबने अपनी-अपनी गठरी बांधी और भाग निकलीं. सुबह जब लोग होश में आए, तो अलमारियां खुली थीं, लॉकर खाली थे और सुहागनें घर में नहीं थी.
दलालों का कोई अता-पता नहीं
इन शादी में दलालों ने अहम भूमिका निभाई थी. ज्यादातर शादियां तीन से चार दलालों के नेटवर्क के जरिए हुई थीं. ये लोग दावा करते थे कि बिहार या झारखंड की ‘गरीब लेकिन संस्कारी लड़कियों’ को अच्छे परिवारों में बसाना चाहते हैं.
जब लड़कियां भागीं, तो सबसे पहले उन्हीं दलालों के नंबर पर फोन किए गए मगर सभी नंबर या तो बंद मिले या फिर इस नंबर पर अब कोई और बोल रहा है की आवाज आई. धीरे-धीरे सच सामने आया कि यह कोई संयोग नहीं बल्कि एक सुनियोजित जाल था.
12 परिवारों के साथ 30 लाख की ठगी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इन 12 लुटेरी दुल्हनों ने मिलकर करीब 30 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है. इसमें सोने-चांदी के जेवर, नकदी और मोबाइल फोन शामिल हैं. कुछ घरों से दहेज में मिली रकम भी साफ हो गई.
एक पीड़ित ने बताया, शादी को बस 10 दिन हुए थे, करवाचौथ पर उसने बड़े प्यार से पूजा की. हम सब भावुक हो गए. सोचा था नसीब खुल गए, पर सुबह देखा तो सब कुछ लुट गया. दूसरे परिवार ने बताया कि शादी से पहले लड़कियों ने साधारण परिवार का दिखावा किया था, ताकि शक न हो. कई घरों में तो पड़ोसी बाराती बनकर गए थे यानी सबकुछ पूरी तैयारी से हुआ.
पुलिस की टीमों को सौंपी गई जिम्मेदारी
सासनी गेट थाने में जैसे ही पहले परिवार ने रिपोर्ट दर्ज कराई, वैसे ही बाकी पीड़ित भी पहुंच गए. धीरे-धीरे पता चला कि यह एक संगठित ठगी का रैकेट है. एएसपी मयंक पाठक ने बताया, यह एक सुनियोजित गिरोह है जो बिहार-झारखंड और पश्चिमी यूपी में सक्रिय है. चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं. आरोपियों की तलाश में कई टीमें गठित की गई हैं. जल्द ही सबकी गिरफ्तारी होगी. पुलिस ने अब बिहार और झारखंड के कई जिलों में संपर्क साधा है, ताकि इन महिलाओं की असली पहचान निकल सके. जिन एजेंटों ने यह रिश्ता कराया, उनके फोटो और दस्तावेज भी जुटाए जा रहे हैं.
ऐसे चलता है लुटेरी दुल्हन रैकेट
जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह कोई नया फार्मूला नहीं है. कई बार ऐसे गिरोह गरीब इलाकों से युवतियों को बहला-फुसलाकर शादियों में भेजते हैं. शादी के बाद वे कुछ दिन ससुराल में रहती हैं, भरोसा जीतती हैं और फिर एक दिन नकदी-जेवर लेकर फरार हो जाती हैं. इस रैकेट का फायदा उन इलाकों में उठाया जाता है जहां लिंगानुपात असंतुलित है और गरीब या उम्रदराज़ पुरुषों को शादी के लिए दुल्हन नहीं मिलती. अलीगढ़ पुलिस ने शक जताया है कि यह गिरोह पहले भी हाथरस, बुलंदशहर और बदायूं में ऐसी वारदातें कर चुका है. अब अलीगढ़ में यह अब तक की सबसे बड़ी ठगी साबित हो रही है.
करवाचौथ की रात यादों में जहर बन गई
जिस करवाचौथ को इन परिवारों ने खुशियों का त्योहार समझा था, वही रात अब उनके लिए जहर बन गई. गांव की गलियों में अब भी चर्चा है कि सब कुछ इतनी सफाई से हुआ कि किसी को भनक तक नहीं लगी. न कोई झगड़ा, न कोई इशारा बस अचानक सब हवा हो गईं.